सिक्किम के बाद अब हिमाचल प्रदेश बनेगा जैविक राज्य, किसानों की बढ़ेगी आमदनी
हिमाचल प्रदेश में पिछले वर्ष 500 किसानों के लक्ष्य के मुकाबले 3000 किसानों को जैविक खेती योजना के तहत लाया गया. राज्य सरकार ने जैविक खेती के लिए 25 करोड़ का बजट तय किया था.
सिक्कम देश का पहला जैविक राज्य है. जैविक राज्य बनने से सिक्कम के किसानों की आमदनी में भी इजाफा हुआ है.
सिक्कम देश का पहला जैविक राज्य है. जैविक राज्य बनने से सिक्कम के किसानों की आमदनी में भी इजाफा हुआ है.
पूर्वोत्तर भारत का छोटा सा राज्य सिक्किम देश का पहला और पूर्ण जैविक कृषि राज्य है. और सिस्किम देश ही नहीं दुनिया का भी पहला जैविक राज्य है. सिक्किम पूरी तरह से जैविक राज्य बनने पर यहां किसानों की आमदनी में भी इजाफा हुआ है. अब हिमाचल प्रदेश भी सिक्किम की राह पर चल निकला है. 2022 तक हिमाचल को पूरी तरह से जैविक कृषि वाला राज्य बनाने का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है.
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान लगभग 50 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने प्रदेश में प्राकृतिक खेती की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया तथा उम्मीद जताई की वर्ष 2022 तक हिमाचल पूर्ण रूप से प्राकृतिक खेती को अपनाने वाले राज्य के रूप में उभरेगा.
राज्यपाल डॉ. वाईएस. परमार वानिकी एवं बागवानी विश्वविद्यालय नौणी, जिला सोलन में कृषि विभाग द्वारा आयोजित प्राकृतिक कृषि खुशहाल किसान योजना' के अतंर्गत सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती पर आयोजित कार्यशाला के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे.
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उन्होंने कहा कि उनके पास रासायनिक तथा जैविक खेती का लगभग 25 वर्षों का व्यावहारिक अनुभव है, लेकिन उन्होंने अंत में प्राकृतिक खेती को चुना क्योंकि, यह कई मायनों में लाभदायक सिद्ध हुई है. उन्होंने कहा कि यह हमारे पर्यावरण के संरक्षण, मिट्टी की उर्वरता में सुधार लाने, उत्पादन की लागत में कमी लाने तथा किसानों की आर्थिकी में सुधार में सहायक सिद्ध हुई है.
50 हजार किसानों को दी जाएगी ट्रेनिंग
प्रधान सचिव कृषि ओंकार शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं. प्रदेश सरकार को कृषि के लिए इस पद्धति को अपनाने के बाद इस खेती के लिए 25 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया था. उन्होंने कहा कि विभाग के प्रयासों के फलस्वरूप पिछले वर्ष 500 किसानों के लक्ष्य के मुकाबले 3000 किसानों को इस योजना के तहत लाया गया. उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस वर्ष 50 हजार किसानों के निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा, जिसके लिए प्रदेश में अधिक से अधिक प्रशिक्षण शिविर व कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी.
(इनपुट आईएएनएस से)
02:47 PM IST